🌀 पोस्ट- 60 | ✅ सच्ची हिकायत ✅
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〽️ हुजुर (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) और हजरत सिद्दिक अकबर (रजी अल्लाहु अन्हु) ने मक्का से हिजरत फरमाई तो कुरैशे मक्का ने ऐलान किया कि जो कोई मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) और उनके साथी सिद्दिके अकबर (रजी अल्लाहु अन्हु) को गिरफ्तार करके लायेगा उसे सौ ऊंट इनाम मे दिया जाएगा ।
सुराका बिन जअशम ने यह ऐलान सुना तो अपना तेज रफ्तार घोड़ा निकाला और उसपर बैठकर कहने लगा की मेरा यह तेज रफ्तार घोड़ा मुहम्मद और अबु बक्र का पिछा कर लेगा। मै अभी उन दोनो को पकड़कर लाता हुँ।
चुनांचे:-
उसने अपना घोड़ा दौड़ाया। थोड़ी देर मे हुजुर के करीब पहुंच गया । सिद्दिके अकबर ने जब देखा की सुराका घोड़े पर सवार हमारे पिछे आ रहा है। हम तक पहुंचेने ही वाला है, तो अर्ज किया या रसुलल्लाह! सूराका ने हमे देख लिया है और वह देखीये हमारे पिछे आ रहा है।
हुजुर ने फरमाया ऐ सिद्दिक! कोई फिक्र ना करो अल्लाह हमारे साथ है। इतने मे सुराका बिलकुल करीब आ पहुंचा तो हुजुर ने दुआ फरमाई । जमीन ने फौरन सुराका के घोड़े को पकड़ लिया और उसके चारो पैर पेट तक जमीन मे धस गया।
सुराका यह मंजर देखकर घबराया और अर्ज करने लगा।
या मुहम्मद! मुझे और मेरे घोड़े को इस मुसीबत से नजात दिलाइये। मै आपसे वादा करता हुँ कि पिछे मुड़
जाऊंगा। जो कोई आपका पिछा करता हुआ आपकी तलाश मे इधर आ रहा होगा उसे भी वापस ले जाऊंगा। आप तक न आने दुंगा चुनांचे हुजुर के हुक्म से जमीन ने उसे छोड़ दिया।
{📜 सच्ची हिकायत हिस्सा अव्वल, पेज नम्बर-36}
🌹सबक ~
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हमारे हुजुर का हुक्म व फरमान जमीन पर भी जारी है और कायनात के हर चीज अल्लाह ने हुजुर के ताबे कर दिया है।
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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस
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