🌀 पोस्ट- 58   |  ✅ सच्ची हिकायत
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〽️ बनी नज्जार के एक बाग में एक दिवाना ऊंट घुस आया, जो शख्स भी बाग में जाता वह ऊंट उसे काटने दौड़ता था। लोग बड़ा परिशान थे। हुजुर (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) की खिदमत मे हाजीर हुए और सारा किस्सा अर्ज किया। हुजुर ने फरमाया: चलो! मै चलता हुँ।

चुनांचे:-
उस बाग मे तशरिफ ले गये और उस ऊंट से फरमाया: इधल आओ। उस ऊंट ने जब रसुलल्लाह (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) का हुक्म सुना तो दौड़ता हुआ हाजीर हुआ। अपना सर हुजुर के कदमो मे डाल दिया।

हुजुर ने फरमाया: इसकी नकील लाओ नकील लाई गयी । हुजुर नकिल डालकर उसके मालिक के हवाले कर दिया। वह अराम से चला गया। हुजुर ने फिर सहाबा से फरमाया काफीरो के सेवा मुझे जमीन व आसमान वाले सब जानते है की मै अल्लाह का रसुल हुं।

{📜 हुज्जातुल्लाह अलल आलमीन, सफा-458}

 
🌹सबक ~=========

हमारे हुजुर का हुक्म जानवारो पर भी जारी है। और काइनात की हर शय बजुज काफीरो के हमारे हुजुर की
रिसालत व सदाकत को जानती है।

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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस

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