🌀 पोस्ट- 37 | ✅ सच्ची हिकायत ✅
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〽️ हजरत सिद्दिके अकबर (रजी अल्लाहु अन्हु) एक दिन यहुदियों के एक मदरसे मे तशरिफ ले गये। उस दिन यहुदियो के एक बहुत बड़ा आलीम जिसका नाम फखास था, आया हुआ था। उसके वजह से वहां बहुत से यहुदी जामा थे।
हजरत सिद्दिके अकबर (रजी अल्लाहु अन्हु) ने वहां पहुंच कर फखास से फरमाया~
ऐ फखास! अल्लाह से डर और मुस्लमान हो जा खुदा की कसम मुहम्मद ﷺ अल्लाह के सच्चे रसुल हैं, जो हक लेकर आये हैं। तुम लोग उनकी तारिफे तौरेत व इंजील मे पढ़ते हो। लिहाज़ा तुम मुस्लमान हो जाओ और सच्चे रसुल की तस्दीक करो, नमाज पढ़ो, जकात दो और अल्लाह को कर्ज हसना दो ताकी तुम जन्नत मे जाओ।
फखास बोला: ऐ अबु-बक्र! क्या हमारा खुदा हमसे कर्ज मांगता है। इससे तो यह सबीत हुआ की हम गनी (अमीर) है और खुदा फकीर है।
हजरत सिद्दीके अकबर (रजी अल्लाहु अन्हु) को यह सुनकर बहुत गुस्सा आया और फखास के मुंह पर एक थप्पड़ मारा। फरमाया: कसम खुदा की! अगर हममे और तुममे मुआहिद न होता तो इसी वक्त तेरी गर्दन अगल कर देता।
फखास थप्पड़ खाकर हुजुर ﷺ के पास आया और सिद्दिके अकबर की शिकायत की तो हुजुर ﷺ ने सिद्दिके अकबर (रजी अल्लाहु अन्हु) से पुछा: सिद्दीके अकबर ने अर्ज किया- हुजुर इसने युं कहा था कि हम गनी है और अल्लाह फकीर है। मुझे इस बात पर गुस्सा आया था।
फखास इस बात से फिर गया। कहने लगा मैनें हरगीज ऐसा नही कहा। उसी वक्त सिद्दिके अकबर की तस्दीक
मे अल्लाह तआला ने यह आयत नाजील फरमायी ~
"अल्लाह ने उन लोगो का कौल सुना की अल्लाह फकीर है हम गनी है।" (कुरआन)
"खुदा तआला की इस तस्दीक व शहादत से सिद्दिके अकबर की सदाकत (सच्चाई) जाहीर हुई।"
📕 कुरआन करीम पारा-4, रुकू-10, रुहुल ब्यान, जिल्द-1, सफा-393
🌹 सबक ~
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सिद्दिके अकबर (रजी अल्लाहु अन्हु) दिन के मामले मे बड़े गैरतमंद थे। आपके सच बोलने का जज्बा की शान यह है की खुदा तआला भी आपके जज्बाए सादका का तारिफ करने वाला और आपका ताईद करने वाला है। फिर जो शख्स सिद्दिके अकबर का मद्दाह नही वह दरअसल खुदा ही से खफा है।
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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस
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