🌀 पोस्ट- 44  |  ✅ सच्ची हिकायत
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〽️ हमारे हुजुर ﷺ की रीश मुबारक के दो बाल मुबारक हजरत सिद्दीके अकबर (रजी अल्लाहु अन्हु) को मिल गए। आप उन दो बालो को बतौर तबर्रुक घर ले आयें और बड़ी ताजीम के साथ अंदर एक जगह रख दिए।

थोड़ी देर के बाद अंदर से कुरआन पढ़ने की अवाज आने लगी। सिद्दीके अकबर (रजी अल्लाहु अन्हु) अंदर गए तो तिलावत की अवाजे तो आ रही थी मगर पढ़ने वाले नजर न आते थे। हजरत सिद्दके अकबर (रजी अल्लाहु अन्हु) ने हुजुर की खिदमत मे हाजीर होकर सारा किस्सा ब्यान किया तो हुजुर ने मुस्कुरा कर फरमाया ।

यह फरिश्ते है जो मेरे बाल के पास जमा होकर कुरआन पढ़ते है।

📜 जामिउल मुजिजत सफा-62


🌹 सबक ~
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हुजुर ﷺ का हर बाल मम्बउल कमाल है आपका बाल शरीफ ज्यारत गाहे खलाइक है। फिर जिन लोगो को
बाल मुंडकर नाइ नालियो मे फेक देता है वह अगर हुजुर की मिस्ल होने की दावा करने लगे तो किस कद्र जुल्म है।

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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस

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