🌀 पोस्ट- 41   |  ✅ सच्ची हिकायत
_____________________________________


〽️ हजरत सिद्दिके अकबर (रजी अल्लाहु अन्हु) को हुजुर ﷺ से इस कद्र मुहब्बत थी की हुजुर ﷺ के विसाल शरीफ के बाद फिराके महबुब (महबुब की जुदाई) के सदमे मे बेचैन रहने लगे और थोड़ी मुद्दत के बाद ही आप बिमार पड़ गये।

आपके इलाज के लिए एक हकीम को बुलाया गया। हकीम ने बड़े गौर से देखा और कहा की यह मरीज किसी के मुहब्बत मे बिमार है। इनका महबुब इनसे जुदा है। इसी फिराके महबुब के गम मे यह बिमार हुए । इनका इलाज दिदारे यार के अलावा कुछ नही। जहां तक हो सके इनके महबुब को इन्हे दिखाओ।

📜 सिरतुस-सालिहीन सफा-60


🌹 सबक ~
=========

सिद्दिके अकबर (रजी अल्लाहु अन्हु) सच्चे महबुब ﷺ के सच्चे मुहीब (चाहने वाला) व
तालिब थे।

--------------------------------------------------------
🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस

🔴और भी हिंदी हिक़ायत पोस्ट पढ़ने के लिए क्लिक करिये ⬇
https://MjrMsg.blogspot.com/p/sacchi-hikaayat.html