🌀पोस्ट- 91,   ✅ सच्ची हिकायत
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〽️ सुल्तान महमुद गजनवी (रहमतुल्लाह अलैह) एक दफा अपने एक मातेहत से कहा की एक ऐसा शख्स ढ़ुंढ़कर लाओ जो सबसे जयादा अहमक (बेवकुफ) हो। यह सुनकर वह ऐसे शख्स की तलाश मे निकल खड़ा हुआ। आखीर उन्होने देखा की एक शख्स दरख्त की शाख पर बैठा उसी को काट रहा था।

सुल्तान के आदमी ने उस शख्स को डाल से उतारकर पकड़ा और सुल्तान के पास ले आया। अर्ज की हुजुर! यह शख्स बड़ा बेवकुफ और अहमक है। इसे हमने इस हालत मे पाया की यह एक पेड़ की डाल पर बैठा उसी को कुल्हाड़ी से मार रहा था। सुल्तान ने कहा : की यह शख्स वकाई बड़ा अहमक है मगर यह बताओ इससे से भी ज्यदा अहमक कौन हो सकता है??

अर्ज किया हुजूर खुद ही फरमायें। सुल्तान महमुद गजनवी (रहमतुल्लाह अलैह) ने जवाब दिये वह हाकीम सबसे
अहमक है जो जुल्म व सितम से रियाया को तबाह करे और खुद उसके सबब बदबख्ती और गुमनामी के गड्ढ़े मे जा गिरे।

📕»» तालीमुल अखलाक, सफा-493


🌹सबक ~
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रियाया की मिसाल दरख्त की है और बादशाह जड़ की तरह है। दरख्त जड़ की पायदारी से सलामत रहता है। जड़ को जितना मजबुत किया जायेगा दरख्त उतना ही महफूज रहेगा। जब जड़ कमजोर हो जाएगी तो दरख्त हवा के एक झोके मे गिर जायेगा बस हाकीम को अपनी रियाया का ख्याल रखना चाहिये।

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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस

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