🌀पोस्ट- 76,   ✅ सच्ची हिकायत
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〽️ हुजुर (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) के विसाल शरिफ के वक्त जिब्रइल अमीन हाजीर हुए और अर्ज करने लगे:-

"या रसुलल्लाह (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम)! आज आसमानो पर हुजुर के इस्तिकबाल की तैयारीयाँ चल रही है । खुदा तआला ने जहन्नम के दरोगा मालिक को हुक्म दिया है की मालिक मेरे महबुब की रुह मुत्तहरा आसमानो पर तशरिफ ला रही है। इस एजाज मे दोजख की आग बुझा दो और हुराने जन्नत से फरमाया है की तुम अपनी आरास्तगी करो और सब फरिश्तो को हुक्म दिया है की ताजीम रुहे मुस्तफा के लिए सब सफ-ब-सफ खड़े हो जाओ और मुझे हुक्म फरमाया है की मैं आपकी खिदमत मे हाजीर होकर आपको बशारत दुँ की तमाम अंबिया और उनकी उम्मते जन्नत मे दाखील न हो सकेगी जब तक आपकी उम्मत जन्नत मे दाखील न हो जाए। कल क्यामत को अल्लाह तआला आपकी उम्मत पर आपके तुफैल इस बख्शिश व मगफिरत की बारिश
फरमाएगा की आप राजी हो जाये।

📕»» मदारिजुनुबुव्वह जिल्द-2, सफा-258


🌹सबक ~
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हमारे हुजुर (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) का एजाज व इकराम दोनो आलम मे है। जिन्न व बशर हुर व मलाएक सभी हुजुर के खुद्दाम व लशकरी हैं। आप दोनो आलम के बादशाह हैं।

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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस

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