🌀पोस्ट- 73,    ✅ सच्ची हिकायत
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〽️ मदीना मुनव्वरा  के किसी मकाम पर एक चरवाहा अपनी बकरियाँ चरा रहा था। अचानक एक भेड़ीया आया और बकरीयों के रेवाड़ मे घुसकर एक बकरी का शिकार ले भागा। चारवाहे ने देखा तो भेड़ीये का पिछा किया और उससे बकरी छुड़ा ली। भेड़ीये ने जब देखा की मेरा शिकार मुझ से छिन गया है तो एक टिले पर चढ़कर ब-जबाने फसीह कहने लगा:-

"मियां चारवाहे! अल्लाह ने मुझे रिज्क दिया था मगर अफसोस! की तुमने मुझसे छीन लिया।"

चारवाहे ने जब एक भेड़ीये को कलाम करते हुये देखा तो हैरान होकर बोला:-
"तअज्जुब है की एक भेड़ीया कलाम करता है।"

भेड़ीये ने फिर कलाम किया और कहा:-
"इससे भी ज्यदा ताज्जुब वाली बात तो यह है कि मदीना शरिफ मे एक ऐसा वुजुद मौजुद है जो तुम्हे जो कुछ हो चूका है और कुछ आइंदा होने वाला है उन सब अगली पिछली बातो को खबर देता है मगर तुम उस पर इमान
नही लाते।"

चारवाहे (जो यहुदी था) भेड़ीये की इस गवाह को सुनकर बड़ा मुतअस्सीर हुआ और बारगाहे रिसालत में हाजीर होकर मुस्लमान हो गया।

📕»» मिश्कात शरिफ सफा-533


🌹सबक ~
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एक जानवर भी जानता और मानता है की हुजुर (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) हर गुजरी हुइ और होने वाली बात को जानते हैं।

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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस

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