🌀 पोस्ट- 19 | ✅ सच्ची हिकायत ✅
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〽️ हजरत मुसा अलैहिस्सलाम शर्फ नुबुव्वत से मुशार्रफ होकर जब फिरऔन के पास पहुंचे तो उससे फरमाया की ऐ फिरऔन! मै अल्लाह का रसुल हुं और हक व सदाकत का अलमबर्दार हुं। दावा-ए-खुदाई को छोड़ और एक अल्लाह का इबदत करने वाला बन ।
फिरऔन ने कहा: तुम अल्लाह के रसुल हो तो कोइ निशानी दिखाओ।
हजरत मुसा अलैहीस्सलाम ने फरमाया : तो लो देखो । आपने असा मुबारक जमीन पर डाल दिया। जब आपने वह असा जमीन पर डाला तो वह एक बड़ा अजदहा बन गया। जर्द रंग मुंह खोले हुए जमीन से एक मिल उचा, अपनी दुम पर खड़ा हो गया ।
वह एक जबड़ा उसने जमीन पर रखा और एक शाही महल के दिवार पर फिर उसने फिरऔन की तरफ मुंह किया तो फिरऔन तख्त से कुद कर भागा ।
लोगो की तरफ रुख किया तो ऐसी भगदड़ पड़ी की हजारो आदमी कुचल कर मर गये। फिरऔन घर मे जाकर
चीखने लगा । कहने लगा: ऐ मुसा! तुम्हे उसकी कसम जिसने तुझे रसुल बनाया इसको पकड़ लो । हजरत मुसा अलैहिस्सलाम ने इसको उठा लिया और वह मिस्ल साबीक असा था । फिरऔन की जान मे जान आयी।।
📜 खजाइनुल इरफान, सफा-236
🌹 सबक ~
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पैगम्बर बड़ी शान व शौकत और अजीम ताकत का मालीक होता है। बड़े से बड़े बादशाह भी उसका मुकाबला नही कर सकता।
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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस
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