🌀 पोस्ट- 17 | ✅ सच्ची हिकायत ✅
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〽️ हजरत मुसा अलैहिस्सलाम हजरत शोएब अलैहिस्सलाम के पास 10 साल तक रहे। फिर हजरत शोएब अलैहिस्सलाम ने अपनी साहबजादी का निकाह हजरत मुसा अलैहिस्सलाम के साथ कर दिया।
इतने अरशे के बाद आप हजरत शोएब अलैहिस्सलाम से इजाजत लेकर अपनी वलीदा से मिलने के लिये मिश्र की तरफ रवाना हुए। आपकी बिबी भी साथ थी। रास्ते मे जबकी आप रात के वक्त एक जंगल मे पहुचे तो रास्ता गुम हो गया। अंधेरी रात और सर्दी का मौसम था।
उस वक्त आपने जंगल मे दुर एक चमकती हुई आग देखी और बिवी से फरमाया : तुम यही ठहरो मैने वह दुर आग देखी है। मै वही जाता हुँ। शायद वहां से कुछ खबर मिले। तुम्हारे तापने के लिए कुछ आग ला सकउंगा ।
चुनांचे: आप अपनी बिवी को वही बैठाकर उस आग की तरफ चले और जब उसके पास पहुचे तो वहां एक सरसब्ज व शादाब दरख्त (हरा भरा पेड़) देखा जो उपर से निचे तक निहायत रौशन था। जितना उसके करीब जाते वह दुर हो जाता है। जब ठहर जाते तो वह करीब हो जाता। आप इस नुरानी दरख्त के इस अजीब हाल को देख रहे थे, की उस नुरानी दरख्त से आवाज आयी, ऐ मुसा! मै सारे जहाँ का रब अल्लाह हुं। तुम बड़े पकीजा मकाम पे गये हो । अपने जुते उतार डालो । जो तुझे वहय होती है कान लगा कर सुनो! मै तुम्हे पसन्द कर लिया।
📕 कुरआन करीम, पारा-16, रुकु-20, रुकु-7, खजाइलनुल इरफान, सफा-442, 549
🌹 सबक ~
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नुबुव्वत अल्लाह की अताए महज है। इसमे मेहनत उर कसब को दखल नही । यानी नुबुव्वत किसी कोर्स पुरा करने और मेहनत करने से नही मिलती बल्कि अल्लाह जिसे चाहता था। इस शर्फ से मुशर्रफ फरमा देता था। जैसे मुसा अलैहिस्सलाम की गये आग लेने और आये नुबुव्वत लेकर।
यह सिलसिला हुजूर (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) तक जारी रहा। फिर जो शख्स कहे "इहदिनस सिरातल मुस्तकीम" पढ़ने से आदमी नबी बन सकता है। वह किस कद्र जाहील है ?
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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस
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