अबु हुरैरा (रजी अल्लाहु अन्हु) से रिवायत है की,एक शख्स ने अर्ज की - "या रसुलल्लाह (सल्लल्लाहु तआला अलैही वसल्लम)!

मेरे बाज रिश्तेदार है, मै उनसे ताअल्लुक जोड़ता हुं ओ मुझसे ताअल्लुक तोड़ते है,

मै उनके साथ अच्छा सुलुक करता हुं, ओ मेरे साथ बदसुलुक करते है,

और मै उनकी ज्यादतीयों को बरदाश्त करता हुं, ओ मेरे साथ जहालत से पेश आते है,"

▫️ रसुलल्लाह (सल्लल्लाहु तआला अलैही वसल्लम) ने इरशाद फरमाया -
"जैसा तुम कह रहे हो अगर ऐसा ही है तो गोया तुम उनके मुंह मे गर्म गर्म राख झोक रहे हो,"


और जब तक तुम इस खुबी पर कायम रहोगे तुम्हारे साथ हर वक्त अल्लाह तआला की तरफ से एक मददगार रहेगा ।"

📚 मुस्लिम शरिफ, बाब सिलह रहम- 6525


सुब्हान अल्लाह !!!
अल्लाह तआला हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल की तौफीक दे ,... अमीन

--------------------------------------------------------
🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस

🔴और भी हिंदी हदीस-ए-पाक पढ़ने के लिए क्लिक करिये ⬇
http://www.MjrMsg.blogspot.com/p/hindi-hadees.html