हदीस शरीफ़👇हज़रत अबू दरदा रज़िअल्लाहू त‌आला अन्ह से मरवी है के
रसूलल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ~

जो शख़्स इल्म ए दीन हासिल करने के लिए सफ़र करता है तो ख़ुदा ए त‌आला उसे जन्नत के रास्तों में से एक रास्ता पर चलाता है और तालिब ए इल्म की रज़ा हासिल करने के लिए फ़िरिश्ते अपने परों को बिछा देते हैं।

📗मिश्कात शरीफ़, सफ़ा 34


हज़रत मुल्ला अली क़ारी रहमातुल्लाहि तआला अलैह फ़रमाते हैं~

इस हदीस शरीफ़ में इस बात की जानिब इसारा है के जन्नत के रास्ते इल्म के रास्तों में महदूद हैं इसलिए के नेक अमल बग़ैर इल्म के मक़सूद नहीं।

📗मिरक़ात जिल्द 1, सफ़ा 229

और तहरीर फ़रमाते हैं के
अहमद बिन शुएब से रिवायत है
उन्होंने बयान किया के हमने शहर ए बशरा में इस हदीस शरीफ़ को एक मुहद्दिस से बयान किया जबके उस मजलिस में एक बदमज़हब मुअतज़ली भी बैठा हुआ था जो इल्म हासिल करने के लिए आया हुआ था उसने इस हदीस शरीफ़ का मज़ाक उड़ाते हुए कहा
कल हम जूता पहनकर चलैगे और उससे फ़िरिश्तों के परों को रौंदेंगे
जब अपने कहने के मुताबिक़ दूसरे दिन वो जूता पहनकर चला तो धड़ाम से गिर गया और उसके पैरों में मर्ज़ आक्ला पैदा हो गया जिससे उसके दोनों पैर सड़ गये।

📗मिरक़ात शरह मिश्कात, जिल्द 1, सफ़ा 229

और तिबरानी ने कहा के मैंने इब्ने
याहया साजी से सुना वो बयान करते थे के हम एक मुहद्दिस के यहां जाने के लिए बशरा शहर की गलियों में से
गुज़र रहे थे तो हमारे साथ एक मस्ख़रा आदमी था जो अपने दीन में मोहतमिम था उसने कहा
अपने पैरों को फ़िरिश्तों के परों से उठालो उन्हें न तोड़ो,
यानी इस हदीस शरीफ़ का मज़ाक उड़ाया तो उसी जगह पर उसके पैरों ने उसको पछाड़ दिया और वो धड़ाम से ज़मीन पर गिर गया।

📗मिरक़ात जिल्द 1, सफ़ा 229

------------------------------------------------------------

🔴इस उनवान के दीगर पार्ट के लिए क्लिक करिये ⬇
https://MjrMsg.blogspot.com/p/mix-topic-hindi.html