🌀 पोस्ट- 16  |   ✅ सच्ची हिकायत
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〽️ हजरत मुसा अलैहिस्सलाम ने बड़े होकर जब हक का ब्यान और फिरऔन और फिरऔनीयो की गुमराही का ब्यान शुरू किया तो बनी इसराइल के लोग आपकी बात सुनते और आपकी इत्तेबा करते।

आप फिरऔनीयो के दीन की मुखालाफत फरमाते। रफ्ता-रफ्ता इस बात का चर्चा हुआ । फिरऔनी जुस्तजु मे हुए। फिर फिरऔन के बावरची का मुसा अलैहिस्सलाम के मुक्का से मारा जाना भी जब उन लोगो को मालूम हुआ तो फिरऔन ने हजरत मुसा अलैहिस्सलाम के कत्ल का हुक्म दिया।

लोग हजरत मुसा अलैहिस्सलाम की तलाश मे निकले। फिरऔनियो मे से एक मर्दे नेक, हजरत मुसा अलैहिस्सलाम का खैर ख्वाह भी था । वह दौड़ते हुआ आया और हजरत मुसा अलैहिस्सलाम को खबर दी। कहा : आप यहां से कही तशरिफ ले जाए । हजरत मुसा अलैहिस्सलाम उसी हालत मे निकल पड़े और मदयन की तरफ रूख किया।

मदयन वह मकाम है, जहां हजरत शोएब अलैहिस्सलाम तशरिफ रखते थे । यह शहर फिरऔन के हुदुदे सल्तनत से बाहर था। हजरत मुसा अलैहिस्सलाम ने उसका रास्ता भी न देखा था न कोइ सवारी साथ थी न कोइ हमराही।

चुनांचे अल्लाह ने एक फरिश्ता भेजा जो आपको मदयन तक ले गया ।

हजरत शोएब अलैहिस्सलाम इसी शहर मे रहते थे। आपकी दो लड़कीयां थी और बकरिया आपका रोजी रोटी का जरिया । मदयन मे एक कुआं था। हजरत मुसा अलैहिस्सलाम पहले उसी कुंए पर पहुचे । आपने देखा की बहुत से लोग उस कुंए मे से पानी खिचते है। और अपने जानवरो को पिला लेते है। हजरत शोएब अलैहिस्सलाम की दोनो लड़कीयां भी अपनी बकरियों को अलग रोक कर वही खड़ी है।

हजरत मुसा अलैहिस्सलाम ने उन लड़कीयों से पुछा कि तुम अपनी बकरियों को पानी क्यों नही पिलाती??
उन्होने कहा की हमसे डोल खिंचा नही जाता। यह लोग चले जायेगे तो जो पानी हौज मे बच जायेगा वह हम अपनी बकरियों को पिला लेंगें ।

हजरत मुसा अलैहिस्सलाम को रहम आ गया । पास ही एक दुसरा कुआं था जिस पर एक बहुत बड़ा पत्थर ढका हुआ था और जिसको बहुत से आदमी मिलकर हटाते थे। आपने तन्हा उसको हटा दिया और उस मे से डोल खिचकर उनकी बकरियो को पिला दिया ।

घर जाकर उन दोनो लड़कीयों ने हजरत शोएब अलैहिस्सलाम से कहा अब्बाजान! एक बड़ा नेक और नया मुसाफिर आया है जिसने आज हम पर रहम खाकर हमारी बकरियों को सैराब कर दिया है। हजरत शोएब अलैहिस्सलाम ने एक शहबजादी से फरमाया की जाओ और उस नेक मर्द को मेरे पास बुला लाओ ।

चनांचे बड़ी शहबजादी चेहरे को आस्तीन से ढ़के हुए और जिस्म को छुपाए हुए बड़ी शर्म व हया से चलते हुई हजरत मुसा अलैहिस्सलाम के पास आयी और कहा की मेरे अब्बाजान आपको बुलाते हैं ताकी आपको
उजरत दे।

हजरत मुसा अलैहिस्सलाम उजरत लेने पर तो राजी न हुए मगर हजरत शोएब अलैहिस्सलाम की ज्यारत और उनकी मुलाकत चे लिए चल पड़े। उन साहबजादी से फरमाया की आप मेरे पिछे रहकर रास्ता बताती जाए।
यह आप ने पर्दे के एहतेराम से फरमाया और इसी तरह तशरिफ लाए।

जब हजरत शोएब अलैहिस्सलाम के पास पहुचे तो शोएब अलैहिस्सलाम से आपने फिरऔन का हाल और अपनी विलादत से लेकर फिरऔन के बावर्ची के मारे जाने तक सारा किस्सा सुनाया ! हजरत शोएब अलैहिस्सलाम ने फरमाया : अब फिक्र न करो । तुम जालिमो से बचकर यहाँ चले आये। अब यहाँ मेरे पास रहो।।

📕 कुरआन करिम, पारा-20, रूकू-6, खजाइनुल इरफान-548


🌹 सबक ~
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जालीम और मगरूर हाकीम अल्लाह वालो के पिछे पड़ जाते है। अल्लाह वाले परेशानियां बर्दाश्त फरमा लेते है। मगर इशाअते हक से नही रुकते। अल्लाह तआला अपने उन हक गो बंदो की हिफाजत फरमाता है।।

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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस

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