🌀 पोस्ट- 29  |  ✅ सच्ची हिकायत
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〽️ कौमे आद बड़ी जबरदस्त कौम थी जो ईलाका यमन के एक रेगीस्तान अहकाफ मे रहती थी। उन लोगो ने जमीन को बदकारियों से भर दिया था। अपने जौर व कुव्वत के घमन्ड मे दुनिया की दुसरी कौमो को अपनी जफाकारियों से पमाल कर डाला था।

यह लोग बूत-परास्त थे अल्लाह तआला ने उनकी हिदायत के लिए हजरत हुद अलैहिस्सलाम को मबऊस फरमाया । आपने उनको दर्शे तौहीद दिया और जौर व सितम से रोका तो वह लोग आपके मुनकिर और मुखालिफ हो गयें । कहने लगे आज हमसे ज्यादा जोर आवर कौन है ??

कुछ लोग हजरत हुद अलैहिस्सलाम पर ईमान लाये मगर वह बहुत थोड़े थे। उस कौम ने जब हद से ज्यदा बगावत व शकावत का मुजाहिरा किया और अल्लाह के पैगम्बर की मुखालिफत की तो एक काले रंग का अब्र आया और कौमे आद पर छा गया।

वह लोग देखकर खुश हुए की पानी की जरुरत है। इसमे पानी खुब बरसेगा। मगर उसमे एक हवा चली वह इस शिद्दत से चली की उंट और आदमी को उड़ा कर कही से कही ले जाती थी। यह देखकर वह लोग घरो मे दाखील हुए और अपने दरवाजे बन्द कर लिए । मगर हवा की तेजी से न बच सके । उसने दरवाजे भी उखाड़ दिये उन
लोगो को हलाक भी कर दिया। फिर कुदरते एलाही से कुछ काले रंग के परिन्दे आये और उनकी लाशो को समुंद्र मे उठाकर फेक आये। हजरत हुद अलैहिस्सलाम अपने चन्द मोमीनो को लेकर कौम से जुदा हो गये थे। इस लिए वह सलामत रहे।

📕 कुरआन करीम पारा-8 रुकू-18, खजाइनुल इरफान-231, रुहुल ब्यान सफा-237


🌹 सबक ~
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खुदा से बगवत और उसके रसुल की ना फरमानी का एक नतीजा यह भी है की अनासिरे अरबआ यानी मिट्टी, आग, पानी और हवा भी हमारे लिए अजाब बन जाते है

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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस

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