हदीस : नबी_ए_करिम (सल्ल्लाहु तआला अलैही वसल्लम) जब किसी मय्यत की तदफीन से फारिग हो जाते तो कब्र के पास रुकते और फरमाते,
"अपने भाई के लिये मगफिरत तलब करो,
और उसके लिये साबीत कदमी की इजतिजा करो,
क्योंकी अब उससे सवाल किये जायेगें ।"

📚 सुनन अबु दाऊद, हदीस-3221


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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस

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