🌀 पोस्ट- 22 | ✅ सच्ची हिकायत ✅
_____________________________________
〽️ फिरऔन के कौम ने हजरत मुसा अलैहिस्सलाम को सताया तो मुसा अलैहिस्सलाम की बददुआ से उन पर पानी का अजाब आ गया जिससे वह बुरी तरह घबरा गये। फिर हजरत मुसा अलैहिस्सलाम से ही इल्तिजा करने लगे की इस अजाब को टल जाने की दुआ किजीए। हम आप पर इमान ले आयेंगे । हजरत मुसा अलैहिस्सलाम ने दुआ फरमायी तो पानी का अजाब टल गया और वह पानी रहमत के शक्ल मे तबदील होकर जमीन की सरसब्जी व शदाबी का सबब बन गया। खेतीयाँ खुब हुई। दरख्त खुब फले। इस तरह के सरसब्जी पहले कभी न देखी। फिरऔनी कहने लगे यह पानी तो नेमत था। हमे मुसा पे इमान लाने की क्या हाजत है।??
चुनांचे - वह मगरूर अपने अहद से फिर गये। तो मुसा अलैहिस्सलाम ने फिर उनके लिए बददुआ फरमाई और एक महीने अफीयात से गुजर जाने के बाद अल्लाह ने फिर उन पर टिड्डियां भेज दी। जो खेतीयां और दरख्तो के फल हत्ता के फिरऔनीयों के दरवाजे और छतें भी खा गई।
कुदरते हक का करिश्मा देखिये कि टिड्डियां फिरऔनियों के घरो मे तो घुस आई मगर बनी इस्राईल के घरो मे मुतलक न गई । तन्ग आकर उन मगरूरो ने हजरत मुसा अलैहिस्सलाम से फिर इस अजाब के टल जाने की ईल्तेजा की और वादा किया की यह बला टल जाये तो हम जरूर ईमान ले आयेंगे। हजरत मुसा अलैहिस्सलाम ने
दुआ फरमाई और टिड्डी का अजाब भी दुर हो गया। मगर काफिरों का कुफ्र बदस्तुर रहा और वह अपने अहद से फिर गये।
📕 कुरआन करीम, पारा-9, रुकू-6, खजाइनुल, सफा-229, रूहुल ब्यान, जिल्द-1, सफा-760
🌹 सबक ~
=========
इन्सान की हद से ज्यदा सरकशी पर अल्लाह तआला किसी कमजोर मखलूक से उसे तबाह कर देता है।
गाफील इन्सान मुसीबत के वक्त तो अल्लाह तआला की तरफ रुजू का अहद कर लेता है। मगर मुश्किल रफा हो जाने के बाद फिर वही चाल बे-ढ़न्गी ईख्तियार कर लेते है। यह बात बड़ी खतरनाक है।
--------------------------------------------------------
🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस
🔴और भी हिंदी हिक़ायत पोस्ट पढ़ने के लिए क्लिक करिये ⬇
https://MjrMsg.blogspot.com/p/sacchi-hikaayat.html