🌀 पोस्ट- 31 | ✅ सच्ची हिकायत ✅
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〽️ हजरत युसूफ अलैहिस्सलाम का एक दोस्त आपसे मुलाकात करने आया। हजरत युसूफ अलैहिस्सलाम ने उससे फरमाया भाई दोस्त, दोस्त के पास आया है तो उसके लिए कोई तोहफा लाता है। बताओ तुम मेरे लिए क्या लाए हो??
दोस्त ने जवाब दिया इस वक्त दुनिया मे आपसे बढ़कर कोई और हसीन व जमील चीज है ही नही जो मै आपके लिए लाता । इसलिए मै तो आपकी खिदमत मे आप ही को लाया हुं। युसुफ के लिए तोहफा भी युसूफ ही लाया हुं। यह कहकर एक आईना युसूफ अलैहिस्सलाम के सामने रख दिया । कहा लिजीए इसमे अपने हुश्न व जमाल का नजारा किजीए इससे बढ़कर और क्या तोहफा होगा?
📜 मसनवी शरिफ
🌹 सबक ~
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इंसान को चाहिए के वह अपना दिल मिस्ल आईने के साफ व शफ्फाफ बना ले। कल जब खुदा पुछे की मेरे लिए
क्या लाये हो तो यही दिल हाजीर कर दे और अर्ज करे कि इलाही यह दिल लाया हुं जिसमे तेरे ही जलवे है।
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🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ मुहम्मद अरमान ग़ौस
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