देवबन्दी जमाअत के इमामे अव्वल मौलवी इस्माइल साहब लिखते हैं .....…

(6). कुछ इस बात में भी उनको बङाई नहीं है कि अल्लाह साहब ने ग़ैब दानी एख़्तियार में देदी हो जिसके दिल को अहवाल जब चाहे मालूम करले या जिस ग़ैब का अहवाल जब चाहे मालूम करले कि वह जीता है या मर गया या किस शहर में है या जिस आइन्दा बात को जब इरादा कर लें दरियाफ्त कर ले कि फलां के यहाँ औलाद होगी या न होगी या उस सौदागरी में उसको फाएदा होगा या न होगा या लङाई में फतह पावेगा या शिकस्त कि इन सब बातों में भी सब बन्दे बङे हो या छोटे यह सब बेखबर हैं और नादान हैं।
#(तकवियतुल ईमान, सफा : 25)


★मआजल्लाह★

📕 ज़लज़ला, सफ़हा न०-12

🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ एस-अली।औवैसी

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