🕌 एतक़ाद व अमल के दर्मियान शर्मनाक तसादुम.....🕋

मुरादें पूरी करनी, हाजत बरलानी, बलाऐं टालनी, मुश्किल में दस्तगीरी करनी, बुरे वक्त में पहुंचना यह सब अल्लाह ही की शान है और किसी अम्बिया व औलिया की पीर व शहीद की भूत व परी की यह शान नहीं जो किसी को ऐसा साबित करे और इस से मुरादें माँगे और इस तवक्को पर नज़र व न्याज़ करे और इस की मन्नतें माने और मुसीबत के वक्त उसको पुकारे सो वह मुश्रिक हो जाता है,,,,,,,,,,,,,

फिर ख़्वाह यूं समझें कि इन कामों की ताक़त उनको खुद ब खुद है यूं समझें कि अल्लाह ने उन को ऐसी कुदरत
बख़्शी है ? हर तरह शिर्क साबित होता है।
#तक़वियतुल ईमान, सफा -10, आरमी प्रेस देहली

📕 ज़लज़ला, सफ़हा न०-33

🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ एस-अली।औवैसी

🔴इस पोस्ट के दीगर पार्ट के लिए क्लिक करिये ⬇
https://MjrMsg.blogspot.com/p/zalzala.html