🕌 इल्म माफ़िल अरहाम का अजीब व ग़रीब वाकिआ 🕋
मुफ़्ती अतीकर्रहमान साहब देहलवी जो देवबन्दी जमाअत के मज़हबी पेशवा और दारुल उलूम देवबन्द की मजलिसे शुरा के एक अहम रुकन हैं,
उन्होंने माहनामा " बुर्हान " देहली के मुदिर मौलवी सईद अहमद अक़बर आबादी फ़ाज़िले देवबन्द के वालिद की वफ़ात पर जरीदए बुर्हान में एक ताज़ियती शजरा लिखा है,
जो मुतवफ्फ़ी ( मरने वाले ) की ज़िन्दगी के हालात पर मुश्तमिल है।
वाकिआत के रावी खुद मौलवी सईद अहमद हैं क़लम मुफ़्ती अतीकर्रहमान साहब का है अपनी पैदाइश से
मुतअल्लिक़ मौलवी सईद अहमद का " मीलाद नामा " ख़ास तौर पर पढ़ने के क़ाबिल है। मौसूफ़ बयान करते हैं कि:।।।।।।।।।।।।
📕 ज़लज़ला, सफ़हा न०-40
🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ एस-अली।औवैसी
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https://MjrMsg.blogspot.com/p/zalzala.html
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मुतअल्लिक़ मौलवी सईद अहमद का " मीलाद नामा " ख़ास तौर पर पढ़ने के क़ाबिल है। मौसूफ़ बयान करते हैं कि:।।।।।।।।।।।।
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