एक और हैरत अंगेज़ वाकेआत ….......

यहाँ तक अस्लेकिस्सा ब्यान कर चुकने के बाद और मौलवी मुनाज़िर अहसन गीलानी एक निहायत पुरअसरार और हैरत अंगेज़ वाकेआ की नकाब कुशाई फ़रमाते हैं ।

दरअस्ल उनके बयान का यही हिस्सा हमारी बहस का मर्कज़ी नुकता है इसके बाद लिखते हैं-

" हज़रत शैखुल हिन्द ( यानी मौलाना मौलवी महमूदुल हसन साहेब ) फ़रमाते थे मैंने उन मौलवी साहेब से दर्याफ्त किया अचानक नमूदार होने वाली शख़सियत का हुलिया क्या था। हुलिया जो ब्यान कि फ़रमाते थे कि सुनता जाता था और हज़रतुल उस्ताज़ ( यानी मौलवी क़ासिम नानौतवी ) का एक एक ख़ाल व खत नज़र के
सामने आता चला जा रहा था जब वह बयान ख़त्म कर चुके तो मैंने उनसे कहा कि यह तो हज़रतुल उस्ताज़ रहमतुल्लाह अलैहि थे जो तुम्हारी इमदाद के लिए हक़ तआला की तरफ़ से ज़ाहिर हुए। "

#सवानेह क़ासिमी, जिल्द~ 1, सफा~ 232

📕 ज़लज़ला, सफ़हा न०-28

🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ एस-अली।औवैसी

🔴इस पोस्ट के दीगर पार्ट के लिए क्लिक करिये ⬇
https://MjrMsg.blogspot.com/p/zalzala.html