देवबन्दी जमाअत के दीनी पेशवा मौलवी मन्जू र साहब नोमानी लिखते हैं .......

(33). सही बुखारी शरीफ में हज़रत अब्दुल्लाह इब्ने उमररज़िअल्लाहु तआला अन्हुमा से मरवी है कि हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फरमाया है कि मिफ़ताहुल ग़ैब जिनको खुदा के सिवा कोई नहीं जानता वह पाँच चीज़ हैं जो सूरए लुक़मान की आख़री आयत में मज़कूर हैं यानी कियामत का वक्ते मख़सूस, बारिश का ठीक वक्त कि कब नाज़िल होगी, माफ़िल अरहाम यानी औरत के पेट में क्या है? बच्चा है या बच्ची? मुस्तक़बिल के वाकेआत, मौत का सही मुकाम।
#( फ़तहे बरैली का दिलकशनज़्ज़ारा : 85 )



★ मआजल्लाह ★

📕 ज़लज़ला, सफ़हा न०- 17

🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ एस-अली।औवैसी

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