एक और हैरत अंगेज़ वाक़ेआ:-
देवबन्दी जमाअत के मशहूर फ़ाज़िल मौलवी मुनाज़िर अहसन गीलानी ने सवानेह क़ासिमी के नाम से मौलवी क़ासिम साहेब नानौतवी की एक ज़खीम सवानेह हयात लिखी है जिसे दारुल उलूम देवबन्द ने खुद अपने एहतमाम से शाए की है।
अपनी इस किताब में मौलवी महमूदुल हसन साहेब के हवाले से ही उन्हों ने किसी : वाएज़ मौलाना : के साथ एक देवबन्दी तालिबे इल्म का एक बङा ही अजीब व ग़रीब मुनाज़रा नकल किया है। उस देवबन्दी तालिबे इल्म के मुतअल्कि मौसूफ़ के ब्यान का यह हिस्सा ख़ास तौर पर पढ़ने के काबिल है। लिखते हैं कि।।।।।।।।।।
◆ मआज़ल्लाह ◆
📕 ज़लज़ला, सफ़हा न०-25, 26
🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ एस-अली।औवैसी
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https://MjrMsg.blogspot.com/p/zalzala.html
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