🕌 अपने ही हाथों अपने मज़हब का ख़ून...... 🕋

वफ़ात याफ़ता बुज़ुर्गो की रुहों से इमदाद के मसले में उल्माए देवबन्द का ख़्याल भी वही है जो आम अहले सुन्नत वल जमात का है। आख़िर जब मलाइका जैसी रुहानी हस्तियों से खुद कुरआन ही में है कि हक़ तआला अपने बन्दों की इमदाद करते हैं।

सही हदीसों में है कि वाकिआए-- मेराज में रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम से तख़लीफ़े सलवात के मसले में इमदाद मिली और दूसरे अम्बिया अलैहिस्सलाम से मुलाकातें हुई बशारतें मिली तो इसी किस्म की अरवाहे तय्येबा से किसी मुसीबत ज़दा मोमिन की इमदाद का काम कुदरत
अगर ले तो कुरआन की किस आयत या किस हदीस से इस की तर्दीद होती है ।"

#हाशिया सवानेह क़ासिमी, जिल्द- 1, सफा- 333

📕 ज़लज़ला, सफ़हा न०-30, 31

🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ एस-अली।औवैसी

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