देवबन्दी जमाअत के मुतफ़र्रिक़ हज़रात की इबारतें .....

(39). हज़रत याकूब अलैहिस्सलाम बरगुज़ीदा पैग़म्बर थे मगर बर्सो तक अपने प्यारे और चहीते बेटे यूसुफ की ख़बर न मालूम कर सके कि उनका नूरे नज़र कहाँ है और किस हाल में।
#( माहेरुल कादरी फारान का तोहीद नम्बर सफा: 13)

(40). अगर हुजूर आलेमुल ग़ैब होते तो ( हुदैबिया में हज़रत उस्मान की शहादत की ) अफ़वाह के सुनते ही फ़रमा देते कि यह ख़बर ग़लत है। उस्मान मक्का में ज़िन्दा है। सहाबए किराम की इतनी बङी जमाअत तक को असल वाकिया का कश्फ़ नहीं हुवा।
#(माहेरुल कादरी फारान का तौहीद नम्बर : 14 )


★ मआजल्लाह ★

📕 ज़लज़ला, सफ़हा न०- 18

🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ एस-अली।औवैसी

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