देवबन्दी जमाअत के दीनी पेशवा कारी तैयब साहब मोहतमिम दारुल उलूम देवभन्द लिखते हैं ~

(26). रसूल और उम्मते रसूल इस हद तक मुश्तरक हैं कि दोनों को इल्मे ग़ैब नहीं है।
#(फ़ारान का तौहीद नम्बर, सफा: 114 )

(27). हज़रत सय्यदुल अव्वलीन व आख़रीन के लिए इल्म ग़ैब का दावा और वह भी ईल्मेकुल्ली और इल्मे माकाना व मायकून की क़ैद के साथ न सिर्फ़ बेदलील और बे सनद है बल्कि मुख़ालिफ़ दलील मुआरिजे क़ु रआन और उस तौहीदी शरीअत के मिज़ाज के ख़िलाफ़ होने की वजह से नाकाबिले इलतिफ़ात है।
#( तौहीद नम्बर, सफा: 117)

(28). इल्मे माकाना व मायकून खास्सए ख दावन्दी है जिस में कोई भी ग़ैरूल्लाह उसका शरीक नहीं हो सकता ।
#(तौहीद नम्बर, सफा: 121)



★मआजल्लाह★

📕 ज़लज़ला, सफ़हा न०- 16

🖌️पोस्ट क्रेडिट ~ एस-अली।औवैसी

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